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बुध की महादशा में विभिन्न ग्रहों की अंतरदशा का फल Surya ki Mahadasha me Vibhinn Grahon ki Antardasha ka fal
बुध की महादशा में विभिन्न ग्रहों की अंतरदशा का फल (Budh ki Mahadasha me Vibhinn Grahon ki Antardasha ka fal): बुध की महादशा 17 वर्ष की होती है। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं और कन्या राशि में उच्च के और मीन राशि में नीच के माने जाते हैं । बुध को उत्तर दिशा का स्वामी माना जाता है। बुध से किसी भी व्यक्ति की वाणी यानि बोलने की शैली प्रभावित होती है , ये बुद्धि, संचार, तर्क शक्ति , त्वरित निर्णय लेने की क्षमता , गणितीय क्षमता और व्यापार के ग्रह माने गए हैं
ब्रह्मांड मे उपस्थित सभी हरी वस्तुएं बुध के प्रभाव मे होती हैं, बुध दिस्वाभाव वाला ग्रह है। बुध से व्यापार,बहन,बुआ,गणित,ज्योतिष, अकाउंट आदि विषय का भी पता चलता है । बुध आश्लेषा,ज्येष्ठा,रेवती नक्षत्र के स्वामी है। बुध संवाद और संचार के क्षेत्र में सफलता देते हैं । जब बुध इतना महत्वपूर्ण ग्रह है तो आइये जानते हैं बुध की महादशा में विभिन्न ग्रहों की अंतरदशा का फल (Budh ki Mahadasha)
बुध की महादशा में विभिन्न ग्रहों की अंतरदशा का फल
Budh ki Mahadasha me Vibhinn Grahon ki Antardasha ka fal
बुध की महादशा में बुध के अंतरदशा का फल
बुध की महादशा में बुध की ही अंतरदशा हो तो जातक की उन्नति तथा धर्म की वृद्धि होती है। मित्रों तथा बंधुजनों से स्नेह प्राप्त होता है। ज्ञान एवं धर्म का लाभ होता है किंतु शरीर में कुछ पीड़ा बनी रहती है।
बुध की महादशा में केतु के अंतरदशा का फल
बुध की महादशा में केतु की अंतरदशा हो तो जातक को अनेक प्रकार के दुःख, शोक, क्लेश एवं शारीरिक कष्टों का सामना करना पड़ता है।
बुध की महादशा में शुक्र के अंतरदशा का फल
बुध की महादशा में शुक्र की अंतरदशा हो तो जातक को श्रेष्ठ वस्त्र, आभूषण एवं धन आदि की प्राप्ति होती है तथा धर्म-कर्म में रुचि बढ़ती है। अच्छा धन लाभ होता है, बौद्धिक क्षमताओं के कारण सम्मान मिलता है। दांपत्य जीवन अच्छा रहता है और जीवनसाथी के साथ संबंध मधुर रहते हैं।
बुध की महादशा में सूर्य के अंतरदशा का फल
बुध की महादशा में सूर्य की अंतरदशा हो तो जातक को उत्तम वस्त्र, स्वर्ण, धन, आभूषण, यश आदि की प्राप्ति होती है, किंतु अपनी स्त्री के कारण उसके मन में उद्वेग की वृद्धि होती है।
बुध की महादशा में चंद्रमा के अंतरदशा का फल
बुध की महादशा में चंद्रमा की अंतरदशा सुखद होती है । यदि चंद्रमा पर अशुभ प्रभाव न हो तो व्यक्ति में रचनात्मक कार्य करने का मन करता है। कला, संगीत और चित्रकारी जैसे कार्य मे मन लगता है । यदि चंद्रमा पीड़ित हो गंडमाला, क्षय, भगंदर, कुष्ठ आदि रोग लग जाते हैं ।
बुध की महादशा में मंगल के अंतरदशा का फल
बुध की महादशा में मंगल की अंतरदशा, तो जातक के मस्तक तथा कंठ में रोग होता है। उसे चोरों से भय तथा अनेक प्रकार के क्लेशों का सामना करना पड़ता है।
बुध की महादशा में राहु के अंतरदशा का फल
बुध की महादशा में राहु की अंतरदशा, तो जातक को शत्रु से पीड़ा तथा अग्नि से भय प्राप्त होता है। साथ ही आकस्मिक रूप से धन का नाश भी होता है।
बुध की महादशा में गुरु के अंतरदशा का फल
बुध की महादशा में गुरु की अंतरदशा, तो जातक को व्याधि एवं शत्रुओं के भय से छुटकारा मिल जाता है। उसे राजा द्वारा सम्मान प्राप्त होता है। धर्म में प्रवृत्ति होती है। आध्यात्म की वृद्धि होती है तथा स्नेह, पवित्रता आदि सभी सद्गुणों की प्राप्ति होती है।
बुध की महादशा में शनि के अंतरदशा का फल
बुध की महादशा में शनि की अंतरदशा हो तो जातक धन तथा धर्म का उपभोग करता है। उसे मित्रों द्वारा भी धन का लाभ होता है। वह बड़ा गंभीर, धन का उपभोग करने वाला, किसी भी काम को करने में उत्साह न रखने वाला तथा नपुंसक होता है।
निष्कर्ष :
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