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Chhath Puja 2023 Date :आज से करें छठ पूजा, जाने छठ पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त, नियम और महत्व
नहाय-खाय से आरंभ होने वाला छठ पर्व षष्ठी तिथि से दो दिन पहले आरंभ हो जाता है और सप्तमी तिथि को पारण करके इसका समापन हो जाता है। चार दिनों तक चलने वाले छठ पर्व मे मुख्यतः सूर्य देव की पूजा की जाती है। छठ पूजा का पर्व संतान के लिए रखा जाता है।
मुख्य रूप से पूर्वाञ्चल मे मनाया जाने वाला छठ पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। जिसमे सूर्यदेव और षष्ठी मैया की पूजा की जाती है। इस दिन शिव भगवान की पूजा करने का भी विधान है । आइए जानते हैं इस वर्ष किस तिथि को है नहाय खाय और खरना।
छठ पूजा कब की जाएगी (Chhath Puja 2023 Date)
यह पर्व विशेष रूप से पूर्वी उत्तरप्रदेश,बिहार, झारखंड,बंगाल मे मनाया जाने वाला पर्व है किन्तु देश के अन्य भागों के साथ साथ छठ पर्व आज विदेशों मे भी प्रसिद्ध है । भगवान सूर्यदेव की आराधना से जुड़ा पर्व छठ पूजा (Chhath Puja 2023 Date) प्रतिवर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से आरंभ होता है।
इस वर्ष छठ पूजा का पर्व 17 नवंबर से आरंभ हो 20 नवंबर तक चलेंगे , 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा (Chhath Puja 2023) का समापन व व्रत पारण कर लिया जाएगा किया जाएगा।
इस प्रकार इस वर्ष छठ पूजा 17 नवंबर से 20 नवंबर तक की जाएगी ।
वैसे तो छठ पर्व प्रति वर्ष 2 बार मनाया जाता है। चैत्र माह शुक्ल षष्ठी और कार्तिक माह शुक्ल षष्ठी को किन्तु दीपावली पर्व के बाद मनाया जाने वाला छठ पर्व विशेष रूप से प्रसिद्द है।
छठ पर्व पूर्वी भारत का महापर्व है, इसमें छठी मैया और सूर्य देव की विशेष पूजा की जाती है। छठ पर्व मे छठी मैया की पूजा की जाती है जो अपने भक्तो को सुख-समृद्धि, धन, वैभव, यश और मान-सम्मान प्रदान करती है।
Chhath Puja 2023 Date
छठ पर्व 4 दिनों तक चलता है और इस पर्व में 36 घंटे निर्जला व्रत रखकर सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है इसीलिए इस पर्व को एक कठिन पर्व माना गया है ।Chhath Puja 2023 Date
छठ पूजा मे कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि के दिन नहाय-खाय होता है, दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन सूर्यास्त के समय डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
चौथे दिन सूर्योदय के समय उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है। छठी मैया की पूजा स्त्रीओं के साथ पुरुष भी करते हैं।
छठ पूजा के अनेक नामों से जाना जाता है जैसे- छठी माई पूजा, छठ पूजा, छठी माई, सूर्य षष्ठी पूजा, डाला छठ, छठ, छठ माई पूजा आदि ।
छठ पूजा मे स्त्रीएं संतान प्राप्ति हेतु , अपनी संतानों की दीर्घायु और सुख समृद्धि के लिए और संतान के सुखी जीवन के लिए व्रत रखती है।
आओ जानते हैं छठ पूजा की तिथि,छठ पूजा के नियम,छठ पूजा महत्व आदि ।
छठ पूजा की तिथि – छठ पर्व की डेट्स- Chhath Puja 2023 Date in Hindi
षष्ठी तिथि का आरंभ – 18 नवम्बर 2023 को प्रातः 09:18 पर।
षष्ठी तिथि का समापन – 19 नवम्बर 2023 को प्रातः 07:23 तक।
17 नवंबर 2023, शुक्रवार के दिन –> नहाय-खाय अर्थात बरौना
नहाय खाये छठ पूजा का प्रथम दिन होता है जिसमे घर के पास किसी पवित्र नदी या कुंड में जाकर स्नान किया जाता है। स्नान करने के बाद सूर्य भगवान को भोग लगाया जाता है और घर की साफ-सफाई की जाती है और शुद्ध सात्विक शाकाहारी भोजन किया जाता है और मात्र एक समय ही भोजन करते हैं ।
नहाय खाये के दिन चने की दाल और लौकी की सब्जी बनाई जाती है। इस दिन व्रत रखने वाले पहले खाना खाते हैं इसके बाद ही परिवार के अन्य लोग भोजन ग्रहण करते हैं।
18 नवंबर 2023, शनिवार के दिन –> छठ महापर्व के दूसरे दिन खरना होता है जिसका अर्थ शुद्धिकरण होता है , इस दिन निर्जला व्रत रखा जाता है। संध्याकाल में मिट्टी के नए चूल्हे पर गुड़ की खीर प्रसाद के रूप में बनाई जाती है और घी की रोटी के साथ गुड़ की खीर और फलों का सेवन करते हैं, इसके बाद से 36 घंटे चलने वाला निर्जला उपवास आरंभ हो जाता है।
19 नवंबर 2023, रविवार के दिन –> अस्ताचलगामी सूर्य यानि डूबते सूर्य का अर्घ्य
इसमे छठी मैया की फल आदि प्रसाद से भरे सूप से पूजा की जाती है और सूर्य देव को जल और दूध अर्पित करते हुए अर्घ्य दिया जाता है , सूर्य देव की पूजा के बाद रात में छठी मैया की व्रत की कथा सुनी जाती है।
20 नवंबर 2023, सोमवार के दिन –> उदयाचल सूर्य यानि उगते सूर्य का अर्घ्य
इस दिन प्रातःकाल सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है जिसके लिए सूर्योदय होने से पूर्व नदी के घाट, पोखरा – तालाब के घाट पर पहुंचकर सूर्य उदय के समय सूर्य को अर्घ्य देते हैं और छठी मैया से संतान की रक्षा और परिवार मे सुख-शांति का आशीर्वाद मांगते है।
इसके बाद कच्चे दूध का शरबत का सेवन करके और प्रसाद ग्रहण करते हुए पारण करते है यानि व्रत समाप्त करते हैं।
छठ पूजा का पारण
20 नवंबर 2023, सोमवार के दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ।Chhath Puja 2023 Date
छठ पूजा शुभ मुहूर्त – Chhath Puja Muhurat in Hindi
छठ पर्व के तीसरे दिन 19 नवंबर संध्या 5 बजकर 22 मिनट पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
छठ पर्व के चौथे दिन 20 नवंबर को प्रातः 6 बजकर 39 मिनट पर उगते सूर्य को दूध और जल से अर्घ्य दिया जाएगा।
Chhath Puja 2023 Date
Chhath Puja 2023 Date
छठ पूजा के नियम
छठ पूजा के मात्र विवाहित स्त्री ही कर सकती हैं। जिसमे छठ पूजा का व्रत रखने के लिए स्वच्छता और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है
जो छठ पूजा करते हैं उन्हे रात्रि के समय फर्श पर सोने पड़ता है और छठ पूजा के प्रसाद बनाने मे प्रयोग होने वाले बर्तनों को भली भांति साफ करना होता है और प्रसाद बनाने के लिए अस्थायी रसोई बनाई जाती है। छठ पूजा मे घर मे थेकुआ नाम की आटे से बनी मिठाई बनाई जाती है।
छठ पूजा का महत्व – Chhath puja ka mahatva
छठ पूजा और सूर्य पूजा भारत के सूर्यवंशी राजाओं के मुख्य पर्वों मे से एक था। मगध राज्य के सम्राट जरासंध के एक पूर्वज को एक बार कुष्ठ रोग हो गया था।
इस रोग से मुक्ति पाने हेतु मगध राज्य के शकलद्वीपीय ब्राह्मणों ने सूर्य देव की पूजा उपासना की जिसके फलस्वरूप राजा के पूर्वज को कुष्ठ रोग से मुक्ति मिल गयी और ऐसा माना गया है कि उसी समय से छठ पूजा आरंभ हुई ।
महाभारत काल में भी छठ पूजा की गयी थी जिसमे पांडवों की पत्नी द्रौपदी ने भी पांडवों के कष्ट दूर करने हेतु छठ पूजा की थी।
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