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Kundli me laabesh: कुंडली में एकादश भाव के स्वामी लाभेश की विभिन्न भावों मे स्थिति 11th lord in 12 different houses
Kundli me laabesh: कुंडली में एकादश भाव के स्वामी लाभेश की विभिन्न भावों मे स्थिति से जीवन मे मिलने वाले लाभ , आय के साधन , बड़े भाई की स्थिति , मित्रों की स्थिति , शरीर मे घुटनों से नीचे के भाग यानि पिंडलनी का भाग देखा जाता है , इसके साथ ही एकादश भाव सामाजिक गतिविधियों में हमारी रुचि को दर्शाता है।
कुंडली में एकादश भाव के स्वामी लाभेश से मित्रों की स्थिति और उनसे लाभ भी पता चलता है । ज्योतिष मे एकादश भाव से बड़े भाई बहन भी देखे जाते हैं।
आइए जानते हैँ
कुंडली में एकादश भाव के स्वामी लाभेश की विभिन्न भावों मे स्थिति
Kundli me laabesh: 11th lord in 12 different houses
एकादश भाव का स्वामी ‘लाभेश’ अथवा ‘एकादशेश’
1 :- एकादश भाव अर्थात् लाभ स्थान का स्वामी लाभेश अथवा एकादशेश यदि लग्न अर्थात् प्रथम भाव (1st bhav ) में बैठा हो, तो व्यक्ति शूर-वीर, बलवान, दानी, सुंदर तथा सबका प्रिय होता है। तृष्णा दोष से उसकी अल्पायु में ही मृत्यु हो जाती है।
2 :- एकादश भाव का स्वामी लाभेश यदि 2nd भाव में बैठा हो और वह पाप ग्रह हो, तो व्यक्ति अल्पभोगी, अल्पायु, अल्पसुखी, रोगी तथा खोटे भाग्य वाला होता है। लाभेश शुभ ग्रह हो, तो व्यक्ति धनी होता है।
3 :- एकादश भाव का स्वामी लाभेश यदि तृतीय भाव ( 3rd bhav ) में बैठा हो, तो व्यक्ति भाई तथा स्त्री का पालक, उनमें प्रेम रखने वाला, भाई के शत्रुओं का नाशक तथा सुंदर स्वरूप वाला होता है।
4 :- एकादश भाव का स्वामी लाभेश यदि चतुर्थ भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति दीर्घजीवी, पिता में भक्ति रखने वाला, अपने धर्म का पालन करने वाला, समयानुसार कार्य करने वाला तथा सब कामों से लाभ प्राप्त करने वाला होता है।
5 :- एकादश भाव का स्वामी लाभेश यदि पंचमभाष में बैठा हो तो व्यक्ति पिता-पुत्र मैं प्रेम रखने वाला, समान गुणों वाला तथा अल्पायु होता है।
6 :- एकादश भाव का स्वामी लाभेश यदि पष्ठ भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति शत्रुओं से युक्त एवं दीर्घ रोगी होता है। यदि लाभेश पाप ग्रह हो, तो उसकी मृत्यु परदेश में शत्रुओं के हाथ से होती है।
7 :- एकादश भाव का स्वामी लाभेश यदि सप्तम भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति सुशील, धनी, तेजस्वी, अधिकार संपन्न, दीर्घायु तथा एक पत्नी वाला होता है।
8:- एकादश भाव का स्वामी लाभेश यदि अष्टम भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति रोगी, मृतप्राय दुःखी तथा अल्पायु होता है। यदि लाभेश शुभ ग्रह हो, तो व्यक्ति स्वस्थ बना रहता है।
9 :- एकादश भाव का स्वामी लाभेश यदि नवम भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति अनेक विषयों तथा अनेक शास्त्रों का जानकार, धर्म-कार्य करने में प्रसिद्ध और देवता तथा गुरुजनों का. भक्त होता है। यदि लाभेश पाप ग्रह हो, तो व्यक्ति बंधुविहीन होता है।
1 0 :- एकादश भाव का स्वामी लाभेश यदि दशम भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति माता का भक्त, परंतु पिता से द्वेष रखने वाला, धनी, पंडित, दीर्घायु एवं परिजनों का पालन करने वाला होता है।
1 1 :- एकादश भाव का स्वामी लाभेश यदि अपने ही घर अर्थात् एकादश भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति दीर्घायु बहुत से पुत्र-पौत्रों वाला, सत्कर्म करने वाला, सुंदर, सुशील, लोगों में प्रधान पद प्राप्त करने वाला, पुष्ट शरीर वाला तथा मनोवैज्ञानिक होता है।
1 2 :- एकादश भाव का स्वामी लाभेश यदि द्वादश भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति उपलब्ध वस्तुओं का भोग करने वाला, स्थिर चित्त वाला, उत्पाती, रोगी, मानी तथा सुखी जीवन व्यतीत करने वाला होता है।
निष्कर्ष :
ज्योतिष में एकादश भाव व्यक्ति की विश्वसनीयता , वित्तीय स्थिति , आय के साधन , धन-वैभव, धन संचय, कामना ,आकांक्षा का पता चलता है ।
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