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कुंडली मे कष्ट देने वाले ग्रह और उनके उपाय 3 Malefic Planets and their remedies
कुंडली मे कष्ट देने वाले ग्रह और उनके उपाय 3 Malefic Planets and their remedies: साथियों हम सभी के जीवन में विभिन्न कष्ट होते हैं और सभी व्यक्ति जीवन में आने वाले कष्टों से मुक्ति चाहता है क्योंकि जब तक जीवन मे कष्ट रहते हैं तब तक हमारा ध्यान हमारे काम पर नहीं लग पाता है । हम व्यर्थ ही दुखी रहते हैं इसलिए सबसे पहले हमें यह जानना बहुत आवश्यक है कि सामान्यता एक व्यक्ति की कुंडली मे कौन से ग्रह कष्ट देते हैं ।
मित्रों हम सभी की कुंडली में सौम्य , क्रूर और पापी ग्रह होते हैं । जब हमारी कुंडली में सौम्य ग्रह अच्छे स्थान , केंद्र और त्रिकोण स्थान में होते हैं तो हमारा जीवन थोड़ा सा सरल होता है ,आसान होता है। यदि यह बलवान होते हैं तो हमे हमारे जीवन में अच्छी सफलता और धन प्राप्त होता है लेकिन ठीक इसके विपरीत यदि क्रूर ग्रह और पापी ग्रह केंद्र और त्रिकोण स्थान में होते हैं तो ना तो मनचाही सफलता मिलती है और ना ही सही प्रकार से सुख और धन की प्राप्ति हो पाती है ।
इसलिए हमारे लिए यह जानना बहुत आवश्यक है कि कौन से ग्रह हमारे जीवन में कष्ट प्रदान करते हैं और उनसे बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए।
कुंडली मे कष्ट देने वाले ग्रह और उनके उपाय 3 Malefic Planets and their remedies
कुंडली मे ग्रहों की स्थिति के अनुसार व्यक्ति के जीवन में अनेक बड़े उतार चढ़ाव आते रहते हैं। अनेक बार आर्थिक स्थिति निर्बल होने के कारण ऋण में डूब जाते हैं। धन संबंधी अनेक समस्याओं सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आर्थिक रूप से निर्बल होने के पीछे कुंडली में उपस्थित ये तीन ग्रह है। इन तीन ग्रहों की स्थिति खराब होने से व्यक्ति को एक-एक पैसे के लिए भी मोहताज होना पड़ता है। जानिए इन ग्रहों के बारे में, साथ ही जानिए कुछ उपाय।
मंगल ग्रह
कुंडली में जब मंगल 6 th , 8 th और 10 th भाव में आता है तो धन हानि की संभावना बढ़ जाती है। इसके साथ ही 6 th भाव में होने के कारण ऋण भी तेजी से बढ़ जाता है। मंगल ग्रह की स्थिति को सही करने के लिए मंगलवार के दिन भगवान हनुमान की पूजा करें। इसके साथ ही यदि कुंडली मे मंगल शुभ स्थानों के स्वामी है लेकिन निर्बल हैं तो मूंगा रत्न धारण करना चाहिए ।
शनि ग्रह
किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह अशुभ स्थानों के स्वामी हो और कुंडली मे निर्णायक स्थिति मे हों तो बुरा समय लंबे समय तक रहता है। ऐसे मे यदि व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष, साढ़े साती और ढैय्या आ जाए तो वो बहुत ही कष्टकारी समय होता है ।
शनि ग्रह की दृष्टि यदि शुभ ग्रहों या भावों पर हो तो आर्थिक स्थिति निर्बल होना, नौकरी-बिजनेस में हानि होना, कानूनी मामलों में फंसना, विवाह में अड़चन आदि सामना करना पड़ता है। शनि के कुदृष्टि से बचने के लिए शनिवार के दिन दिन सरसों का तेल अर्पित करें इसके साथ ही सरसों के तेल का दीपक जलाएं। आप चाहे तो सरसों के तेल का या लोहे से बने पात्र का दान भी कर सकते हैं । काले घोड़े की नाल से छल्ला बनवाकर बीच की अंगुली में पहनना भी शनि दोष को कम करने वालअ उपाय है ।
राहु ग्रह
ज्योतिष शास्त्र में राहु ग्रह को छाया ग्रह कहा जाता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु शुभ ग्रहों के साथ बैठता है, तो वह लाभकारी साबित होता है। वहीं, अगर अशुभ ग्रहों के साथ बैठ जाता है, तो अशुभ फलों की प्राप्ति होती है। ऐसे में राहु के अशुभ प्रभाव होने के कारण व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही आर्थिक नुकसान, ऋण में डूब जाना जैसी समस्याएं शामिल है। राहु के अशुभ स्थिति से बचने के लिए नियमित रूप से 108 बार इस मंत्र का जाप करें- ऊँ रां राहवे नम:
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इसके साथ ही आप ग्रह शांति जाप ,पूजा , रत्न परामर्श और रत्न खरीदने के लिए अथवा कुंडली के विभिन्न दोषों जैसे मंगली दोष , पित्रदोष आदि की पूजा और निवारण उपाय जानने के लिए भी संपर्क कर सकते हैं
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