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कुंडली मे शिक्षा के क्षेत्र में सफलता है या नहीं Education in Horoscope in Hindi
Education in Horoscope in Hindi: कुंडली मे शिक्षा के क्षेत्र में सफलता है या नहीं जानने के लिए ज्योतिष की सहायता से कुंडली को ध्यान पूर्वक देखना होता है , कुंडली मे विभिन्न भाव होते हैं जो हमारी , प्राथमिक , माध्यमिक और उच्चतरशिक्षा के विषय मे विस्तार से बताते है , यहाँ हम कुंडली से जुड़े उन महत्वपूर्ण तत्वों पर चर्चा करेंगे जिन पर ध्यान देकर शिक्षा में सफलता के विषय में जान सकते हैं:
आइए जानते हैं
कुंडली मे शिक्षा ( Education in Horoscope)
Education in Horoscope in Hindi
लग्न और लग्नेश (Ascendant and Ascendant Lord):
लग्न और लग्नेश कुंडली में व्यक्ति की प्राथमिक व्यक्तित्व को दर्शाते हैं, अच्छी शिक्षा । इनकी स्थिति और प्रभाव व्यक्ति के शिक्षाक्षेत्र में सफलता को प्रभावित कर सकते हैं।
द्वितीय भाव ( 2nd House ):
द्वितीय भाव से कुंडली मे प्राथमिकशिक्षा का पता चलता है इसलिए जब ये बलवान होता है तो शिक्षा की नीव अच्छी बनती है और हमारे basics clear होते हैं है। इस भाव के स्थिति, ग्रहों के प्रभाव के आधार पर कुंडली मे शिक्षा में प्राथमिक शिक्षा के विषय मे पता लगाया जा सकता है।
पंचम भाव (5th House):
पंचम भाव से हमारी माध्यमिक शिक्षा, ज्ञान, बुद्धि और विद्यालय के विषय मे पता चलता है। इस भाव की स्थिति, वहाँ पर ग्रहों की स्थिति और 5 th भाव पर पड़ने वाली ग्रहों की दृष्टि शिक्षा में सफलता का आधार बनाती है।
नवम भाव (9th House):
नवम भाव कुंडली में खगोल विज्ञान , उच्चशिक्षा, उच्चशिक्षा से भाग्य मे सहयोग , गुरुकुल आदि के विषय में बताती है। इस भाव के ग्रहों का प्रभाव किसी भी व्यक्ति के कुंडली मे शिक्षा क्षेत्र में सफलता को तय करने सक्षम होता है।
इसके साथ ही हमे कुंडली मे बुध और बृहस्पति पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि बुध बुद्धि और विद्या के स्वामी हैं और बृहस्पति ज्ञान के स्वामी हैं ।
बुद्धि और विद्या के स्वामी – बुध ग्रह (Mercury):
कुंडली मे शिक्षा, विद्या और बुद्धि का पता मुख्य रूप से बुद्धि कारक ग्रह बुध से चलता है। बुद्धि कारक ग्रह की स्थिति, योग्यता और बुद्धि में सफलता की संकेत देने में सहायता कर सकती है।
ज्ञान के स्वामी – गुरु बृहस्पति ग्रह (Jupiter ):
कुंडली मे अच्छी शिक्षा, विद्या और इनकी समझ और अपने जीवन मे इसको आत्मसात करना और अच्छी शिक्षा के लिए अत्यधिक आवश्यक तत्व धैर्य बिना बृहस्पति प्राप्त नहीं होता है , इसलिए जब कुंडली मे बृहस्पति निर्बल होता है तो व्यक्ति धैर्य और अच्छे गुरु की कमी के कारण उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाता है ।
यदि चतुर्थ भाव (4th House) और षष्ट भाव (5 th House ) अच्छा होता है तो भी अच्छी शिक्षा प्राप्त होती है ।
कुंडली मे शिक्षा क्षेत्र में सफलता के विषय में और जानकारी के लिए निम्न बातों पर भी ध्यान देना चाहिए
ग्रह योग (Grah Yoga):
कुंडली में विभिन्न योगों का महत्वपूर्ण योगदान होता है, जैसे कि गजकेसरी योग, पराशर योग, धन योग, राजयोग आदि। इन योगों के माध्यम से, कुंडली मे शिक्षा क्षेत्र में सफलता के लिए सामर्थ्य और अवसरों की जानकारी मिल सकती है।
ग्रहों की युति (Planetary Combinations):
ज्योतिष में, विभिन्न ग्रहों के संयुक्त प्रभाव भी कुंडली मे शिक्षा क्षेत्र में सफलता को प्रभावित कर सकते हैं। ग्रहों की संयुक्त प्रभावों के आधार पर ज्योतिषी विचार कर सकते हैं कि किस प्रकार की कुंडली मे शिक्षा और उच्चतम कुंडली मे शिक्षा उपलब्ध हो सकती है।
नक्षत्र (Nakshatra):
कुंडली में आपके जन्मनक्षत्र का महत्वपूर्ण योगदान होता है। नक्षत्र के आधार पर, व्यक्ति के कुंडली मे शिक्षा क्षेत्र में सामर्थ्य और आवश्यक दक्षता के बारे में जानकारी मिल सकती है।
दशा और भुक्ति (Dasha and Bhukti):
ज्योतिष में दशा और भुक्ति का महत्वपूर्ण स्थान होता है। इनके माध्यम से, व्यक्ति के कुंडली मे शिक्षा क्षेत्र में विशेष प्रकार की अवस्थाएं और योग्यताएं दिख सकती हैं।
लग्नाधिपति (Ascendant Lord):
कुंडली में लग्नाधिपति ग्रह का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसके माध्यम से, व्यक्ति के कुंडली मे शिक्षा क्षेत्र में कौन सी विषयों में उच्चतम सफलता मिल सकती है, इसकी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
निष्कर्ष :
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