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आकस्मिक धन प्राप्ति योग आपकी कुंडली मे है या नहीं, जाने अचानक धन प्राप्ति के 12 योग-Sudden unexpected money gain in horoscope
साथियों आपकी कुंडली में आकस्मिक धन प्राप्ति योग यदि है तो आपको कभी भी अचानक धन प्राप्त हो जाएगा जब हमारी कुंडली में अचानक धन प्राप्ति योग होते हैं तो कभी किसी रिश्तेदार के द्वारा या किसी मित्र के द्वारा अथवा कहीं सड़क या किसी स्थान पर हमें अचानक धन प्राप्त हो जाता है।
कुंडली देखने से पता चलता है कि हमारी कुंडली में अचानक धन प्राप्ति योग है या नहीं , आज हम आपको इस पोस्ट के द्वारा यह बता रहे हैं कि हम कैसे जाने की आकस्मिक धन प्राप्ति योग हमारी कुंडली में है या नहीं है।
आइए विस्तार से समझते हैं आकस्मिक धन प्राप्ति योग जिसे आप अचानक धन प्राप्ति योग के नाम से भी जानते हैं ।
यदि हमारी कुंडली में आकस्मिक धन प्राप्ति योग होगा तो हमे अचानक बहुत सारा धन कहीं से मिल जाएगा । कुंडली में आकस्मिक धन प्राप्ति योग की अनेक स्थितियां होती हैं जिनमे से कुछ इस प्रकार है ।
Photo by Mathieu Stern on Unsplash
कुंडली मे आकस्मिक धन प्राप्ति योग
( Sudden unexpected money gain in horoscope in hindi):
- दशम स्थान में कर्क राशि का चंद्र और धन स्थान में शनि हो तो अचानक धन-लाभ होता है।
- चंद्रमा और बुध धन स्थान में हो तो बहुत लाभ होता है।
- धन स्थान में 5 या इससे अधिक ग्रह हों तो बड़ा धन-लाभ होता है।
- किसी व्यक्ति की जन्म कुण्डली में यदि चन्द्रमा ग्रह बृहस्पति के स्वामी भाव में युग्म में स्थित हो तो ऐसे व्यक्ति को अचानक से गढ़े हुए धन की प्राप्ति होती है।
- लाभ स्थान में कन्या राशि का शनि हो और 7th स्थान में वृष राशि का चंद्र हो तो ऐसे व्यक्ति की आयु जब 37 से 43 वर्ष के मध्य होती है तो उसकी पत्नी को भारी आकस्मिक धन-लाभ होता है।
- यदि किसी व्यक्ति की लग्न कुंडली के सातवें भाव में मंगल या शनि स्थित हों और ग्यारहवें स्थान में शनि या मंगल या राहु बैठा हो तो व्यक्ति स्टॉक मार्केट, सट्टा और लॉटरी से धन कमा सकता है।
- यदि 8th भाव का मालिक उच्च का हों तथा 2nd भाव का स्वामी यानि धनेश व लाभेश यानि एकादश भाव का स्वामी के प्रभाव में हों तो व्यक्ति को निश्चित रूप में अचानक धन लाभ होता हैं। इस योग मे गढे धन की प्राप्ति भी हो जाती है लेकिन मुख्य रूप से इस योग की विशेषता होती हैं कि इसमे अचानक धन प्राप्त होता है।
- यदि किसी व्यक्ति की जन्म व चंद्र कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी एकादश स्थान यानि लाभ भाव और लाभ भाव का स्वामी धन स्थान में बैठा हो या दोनों भाव के स्वामी एक दूसरे भाव में जिसे परिवर्तन योग भी कहा जाता है, हो तो व्यक्ति अत्यंत धनी होता है। साथ ही ऐसे व्यक्ति को शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी से धन की प्राप्ति हो सकती है।
- व्यक्ति को तभी आकस्मिक लाभ होगा जब कुंडली में 5th भाव, द्वितीय भाव तथा एकादश भाव व उनके स्वामी ग्रह और इन भावों में स्थिर ग्रह बलवान हों। यदि कुंडली के 5th भाव में गुरु स्थित है, पंचमेश मंगल धन भाव में स्थित है। 5th भाव पर पंचमेश मंगल की चतुर्थदृष्टि है, द्वितीय भाव में मंगल स्थित है। 2nd भाव का स्वामी यानि धनेश सूर्य केंद्र भाव में उच्च का है। एकादश भाव पर गुरु की दृष्टि है, एकादश भाव का अधिपत्य शुक्र भाग्य भवन में उच्च का है तथा उस पर गुरु व मंगल की उच्च दृष्टि है। ऐसे व्यक्ति की कुंडली में भारी मात्रा में धलाभ होने का योग है।
- यदि किसी भी व्यक्ति की कुंडली में लग्नेश यदि लग्न में ही स्वग्रही होकर बैठा हो तो ऐसा व्यक्ति अत्यंत धनी एवं भाग्यशाली होता है। ऐसे लोगों को गुप्त धन की प्राप्ति होती है।
- यदि किसी भी व्यक्ति की कुंडली में धनेश और लाभेश दोनों एक साथ केंद्र या त्रिकोण में बैठा हों और यदि भाग्येश द्वारा दृष्ट हों तो व्यक्ति को व्यापार में या किसी अन्य माध्यम से अचानक धन की प्राप्ति होती है।
- कुंडली के त्रिकोण या केन्द्र भावों में गुरु ग्रह, शुक्र, चन्द्रमा और बुध बैठा हों या फिर 3, 6 और 11वें भाव में सूर्य, राहु, शनि, मंगल आदि ग्रह स्थित हों, तब व्यक्ति राहु, शनि, शुक्र या बुध की दशा में आकस्मिक धन की प्राप्ति करता है। इसमें यह देखना बहुत आवश्यक है कि ग्रहों के बीच कितना अंश है।
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