स्त्री की कुंडली में बुध ग्रह का प्रभाव Effect of planet Mercury in woman's horoscope All 12 bhav explained 

स्त्री की कुंडली में बुध ग्रह का प्रभाव Effect of planet Mercury in woman’s horoscope All 12 bhav explained 

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स्त्री की कुंडली में बुध ग्रह का प्रभाव Effect of planet Mercury in woman’s horoscope All 12 bhav explained 

स्त्री की कुंडली में बुध ग्रह का प्रभाव जानने से पहले हमें यह जानना आवश्यक है कि बुध ग्रह हमें कौन-कौन से गुण देता है । मित्रों बुध ग्रह का प्रभाव हमारी वाणी पर होता है इसीलिए बुध ग्रह को कम्युनिकेशन का ग्रह माना गया है । किसी भी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह अच्छा होता है तो वह व्यक्ति अपनी वाणी के द्वारा बिगड़े हुए कार्यों को भी बनाने की क्षमता रखता है ।

जबकि ठीक इसके विपरीत यदि किसी व्यक्ति के बुध ग्रह रुष्ट हो जाए या उसकी कुंडली में खराब स्थिति में बैठे हो तो उस स्थिति में उस व्यक्ति के सभी कार्य बुध ग्रह के कारण ही बिगड़ने लग जाते हैं,  बनते हुए कार्यों में भी विलंब होने लग जाता है और उस व्यक्ति की समाज में एक नकारात्मक छवि बन जाती है ।

बुध ग्रह हमारे जीवन की प्लानिंग को भी दर्शाता है तो यदि हम एक स्त्री की कुंडली में बुध ग्रह के प्रभाव की बात करें तो हम यह कह सकते हैं कि बुध ग्रह किसी भी स्त्री की सौम्या वाणी का मुख्य कारक होता है।

स्त्री की कुंडली में बुध ग्रह का प्रभाव Effect of planet Mercury in woman's horoscope All 12 bhav explained 

Photo by Dollar Gill on Unsplash

आइए जानते हैं

स्त्री की कुंडली में बुध ग्रह का प्रभाव Effect of planet Mercury 

यदि किसी स्त्री की कुंडली में लग्न में शुभ बुध ग्रह बैठे होते हैं तो वह व्यक्ति अर्थात वह स्त्री एक चपल स्त्री होती है और वह अपने बच्चों जैसे स्वभाव के कारण ही लोगों में प्रिय होती है ।

इसी के साथ-साथ यदि किसी स्त्री की कुंडली में द्वितीय भाव में बुध बैठे हो और वह शुभ स्थिति में हो तो ऐसी स्त्री अपनी मधुर वाणी से सारे कार्य बनाने की क्षमता रखती है और उस स्त्री में वाणी से ही धन कमाने की भी विलक्षण क्षमता होती है ।

इसी प्रकार किसी स्त्री की कुंडली के तृतीय भाव में बुध बैठने से वह स्त्री अपने सभी कार्य वाणी के द्वारा ही करने में सक्षम होती है ,ऐसी स्त्री बहुत व्यवहार कुशल होती है और ऐसी स्त्री के छोटे भाई बहन उसके कार्यों में सहायक होते हैं

जब किसी स्त्री के चौथे भाव में बुध होते हैं तो ऐसी स्त्री सामान्यता एक बहुत ही सुंदर घर में रहती है और सुख की कभी उसे कमी नहीं होती है उसके आवास का मुख अधिकतर उत्तर दिशा की ओर देखा गया है ।

जब किसी स्त्री के पंचम भाव में बुध होता है तो ऐसी स्त्री की मित्रता बोलने वाले पुरुषों से ही अधिक होती है । ऐसी स्त्री गणित में बहुत अच्छी होती है और ऐसी स्त्री को प्रेम करने वाले लोगों की संख्या बहुत अधिक होती है ।

यदि किसी स्त्री के छठे भाव मे बुध हो और वो पाप ग्रहों के दुष्प्रभाव में हो तो स्त्री कटु भाषी, अपनी बुद्धि से काम न लेने वाली और दूसरों की बातों में आ जाने वाली होती है । इसके साथ ही वो चर्मरोगों से ग्रसित भी हो सकती है । लेकिन जब छठे भाव में स्थित बुध ग्रह शुभ होते हैं तो ऐसी स्त्री अपनी वाणी से ही बड़ी से बड़ी शत्रुता को समाप्त करने की क्षमता रखती है ।
जब किसी स्त्री के सप्तम भाव ने अर्थात सातवें भाव में बुध ग्रह होते हैं तो स्त्री की कुंडली में बुध ग्रह का प्रभाव ये होता है कि ऐसी स्त्री का विवाह शीघ्र हो जाता है अर्थात कम आयु में ही हो जाता है लेकिन यदि यह बुध ग्रह सप्तम भाव में अकेले हुए या पापी ग्रहों का प्रभाव हुआ तो ऐसी स्त्री का पति नपुंसक भी हो सकता है । ऐसी स्त्री यदि व्यापार करें तो उसके लिए अच्छा रहता है , व्यापार में भी बोलने से संबंधित काम या कोरियर का कोई कार्य या स्टेशनरी आदि का व्यापार उनके लिए बहुत बढ़िया रहता है।
जो किसी स्त्री के अष्टम भाव में बुध होता है ये उसके पति के लिए अच्छा होता है ,  उसका पति व्यापार से अच्छा धन अर्जित कर सकता है । अनेक बार यह देखा गया है कि ऐसी स्त्री की ससुराल में व्यापार करने वाले लोग अधिक होते हैं । ऐसी स्त्री को अपनी काही बातों से मुकरना नहीं चाहिए ।
जबकि जब किसी स्त्री के नवम भाव में बुध ग्रह बैठे होते हैं तो ऐसी स्त्री का भाग्य शीघ्र जागृत होता है , ये स्थिति इनके पिता के कार्यों में सहायक होती है लेकिन यदि यह बुध ग्रह अशुभ भाव का स्वामी हुआ तो पिता को हानि भी पहुंच सकती है
यदि किसी स्त्री के दशम भाव में बुध ग्रह होता है तो उसकी सबसे अच्छी बनती है , ऐसी स्त्री पति के कार्यों में सहायक होती है ।
11वें भाव में बुध का होना सदैव ही शुभ माना गया है , ऐसी स्त्री को अच्छी संतान मिलती है और संतान से उसे लाभ होता है ।
जबकि 12वीं भाव में बुध  स्त्री को विभिन्न प्रकार के सुख और भोग देने की क्षमता रखता है।
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बुध ग्रह के सरल उपाय:

  1. यदि किसी स्त्री की कुंडली में बुध ग्रह निर्बल हो या अस्त हो तो ऐसी स्त्री को थोड़ी सी फिटकरी का चूर्ण टूथपेस्ट में लेकर उससे ब्रश करना चाहिए
  2. तांबे के गिलास में पानी पीना चाहिए।
  3. बुधवार के दिन कहीं हिजड़े दिखाई दे जाएं तो उन्हें हरी चूड़ियां और श्रृंगार का सामान देकर उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए।
  4. प्रति बुधवार के दिन अथवा प्रतिदिन गणेश जी और दुर्गा माता की पूजा आराधना करनी चाहिए ।
  5. नवरात्रि के दिनों में छोटी कन्याओं को हेयर कलर का रिबन और पढ़ाई की वस्तुएं देनी चाहिए इसके साथ ही घर की उत्तर दिशा को हल्का रखना चाहिए
  6. यदि अपनी कुंडली मैं बुध ग्रह की स्थिति पता है और बुध  निर्बल हों लेकिन मित्र हो तो ऐसी स्थिति में पन्ना रत्न सबसे छोटी उंगली में पहनना चाहिए ।
  7. झूठ फरेब से दूर रहना चाहिए ।

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निष्कर्ष :

बुध ग्रह को वाणी यानी कम्युनिकेशन और साथ ही प्रबंधन का ग्रह माना जाता है । बुध ग्रह अच्छा होने से हमारे अंदर कैलकुलेशन करने की अच्छी क्षमता उत्पन्न होती है और हम स्वयं भी प्रसन्न रहना और दूसरों को भी प्रसन्न देखना पसंद करते हैं । यदि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे अन्य लोगों में शेयर करें जिससे कि हम बुध ग्रह पर और विस्तार से आने वाली अपनी पोस्ट में चर्चा कर करें ।

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