Table of Contents
कुंडली में ग्रह योग जो देते हैं आपको राजाओं जैसा जीवन 21 Planetary Yoga in Kundli which gives you life like kings
21 Planetary Yoga in Kundli: साथियों हम सभी के जीवन में अंतर होता है क्योंकि हम सभी की कुंडली में ग्रह योग में भी अंतर होता है, कुंडली में ग्रहों की स्थिति अच्छी होने पर हमें राजाओ जैसा जीवन प्राप्त होता है वही यदि कुंडली में ग्रहों की स्थिति अच्छी ना हो तो हम जीवन भर विपरीत परिस्थितियों के कारण दुखी भी रहते हैं आज हम अपनी पोस्ट में आपको बता रहे हैं कुंडली में ग्रह योग जो देते हैं आपको राजाओ जैसा जीवन
आइये जानते हैं कुंडली में ग्रह योग जो देते हैं आपको राजाओं जैसा जीवन (21 Planetary Yoga in Kundli which gives you life like kings)
कुंडली में ग्रह योग जो देते हैं आपको राजाओं जैसा जीवन
21 Planetary Yoga in Kundli which gives you life like kings
1. केंद्र अथवा त्रिकोण में शुभ ग्रह हों, 3 rd , छठे तथा ग्यारहवें में पाप ग्रह हों और लग्न का स्वामी बलवान हो तो मनुष्य राजा के समान होता है।
2. लग्न में नीच के ग्रह बैठे हों तथा नवांश में उच्च के हों तो भी व्यक्ति राजा के समान भाग्यशाली होता है। किंतु यदि कुंडली में उच्च के हों और नवांश में नीच के हों तो व्यक्ति भाग्यहीन होता है।
3. लग्न में चंद्रमा और गुरु, 10 th भाव में शुक्र और तुला, मकर अथवा कुंभ में शनि हो तो व्यक्ति राजा के समान होता है।
4. 10 th, ग्यारहवें, लग्न, 2 nd तथा 3 rd भाव में संपूर्ण शुभ ग्रह बैठे हों तो व्यक्ति राजा के समान होता है।
5. वृष लग्न में जन्म हुआ हो और लग्न में चंद्रमा बैठा हो तथा छः ग्रह उच्च के किसी भी भाव में स्थित हों तो ऐसा व्यक्ति राजा के समान ऐश्वर्यशाली एवं प्रतापी होता है।
6. गुरु बुध के साथ बैठा हो अथवा बुध के द्वारा दृष्ट हो तथा गुरु मीन का अथवा धनु राशि होकर केंद्र में हो तो ऐसा व्यक्ति की आज्ञा को राजागण भी अपने मस्तक पर धारण करते हैं।
7. चंद्रमा केंद्र में हो और गुरु लग्न को छोड़कर नवम अथवा पंचम दृष्टि से केंद्र को देखता हो, साथ ही बलवान दृष्टि से शुक्र भी देखता हो तो व्यक्ति राजा के समान भाग्यशाली होता है। (Yoga in Kundli)
8.कुंडली में ग्रह योग इस प्रकार हो कि सब ग्रह मूल त्रिकोण राशि में बैठे हों अथवा मंगल के साथ मित्र राशि में हों अथवा किसी घर में उच्च के हों किन्तु नवांश में नीच राशि मे न हों तो ऐसा व्यक्ति राजा के समान होता है।
9. लग्न में गुरु हो तथा बुध केंद्र में बैठा हो और वह 9 th घर के स्वामी द्वारा दृष्ट हो तो व्यक्ति राजमान्य होता है।
10. पांचवें भाव , सातवें या 9 th भाव में गुरु बैठा हो और लग्नेश की उस पर दृष्टि हो तो व्यक्ति राजमान्य होता है।
11. केंद्र,पांचवें अथवा 9 th घर में शनि हो और वह अपनी उच्च राशि अथवा मूल त्रिकोण राशि में हो तथा दशम भाव पर शनि की दृष्टि हो तो व्यक्ति राजमान्य होता है।
12. नीच का बृहस्पति लग्न में बैठा हो तथा 9 th घर का स्वामी आठवें चंद्रमा के नवांश में हो तो व्यक्ति राजमान्य होता है।
13. कुंडली में ग्रह योग ऐसे हो कि लग्न से 6th भाव तक सभी ग्रह बैठे हों तो व्यक्ति राजमान्य होता है।
14. 9 th घर का स्वामी चंद्रमा के साथ 2 nd घर में बैठा हो तो व्यक्ति राजमान्य होता है।
15. पाप ग्रह दशमेश सहित क्रमशः लग्न से 6th भाव तक में बैठे हों तो व्यक्ति राजमान्य होता है।
16. चंद्रमा जिस राशि में बैठा हो, उस राशि के नवांश का स्वामी केंद्र, त्रिकोण अथवा ग्यारहवें घर में अथवा बुध के साथ बैठा हो तो व्यक्ति राजमान्य होता है।
17. चंद्रमा मंगल के साथ 2 nd अथवा 3 rd घर में हो अथवा राहु के साथ पांचवें घर में हो तो व्यक्ति राजमान्य होता है।
18. 9 th घर के स्वामी के साथ नवांशपति चौथे घर में हो अथवा पांचवें भाव के स्वामी के साथ हो तो व्यक्ति राजमान्य होता है।
19. मीन का राहु शनि के साथ बैठा हो और नवमेश की उस पर दृष्टि हो तथा लग्नेश नीच ग्रह के साथ हो तो व्यक्ति राजा के समान होता है।
20. मंगल, शनि, सूर्य और गुरु ये चारों ग्रह अपनी उच्च राशियों में एक-एक के सामने केंद्र में बैठे हों तो चार राजयोग होते हैं। शेष ग्रह चाहे जहां बैठे हों किन्तु इन्हीं चार ग्रहों में से तीन ग्रह अपनी उच्च राशियों में बैठकर सम्मुख केंद्रवर्ती हों तो बारह राजयोग होते हैं। ऐसे पहले के चार मिलकर सोलह राजयोग होते हैं।
इन्हीं चारों ग्रह में से दो ग्रह अपनी उच्च राशियों में बैठकर केंद्र में हों तथा चंद्रमा कर्क राशि में बैठा हो तो बारह राजयोग होते हैं। उन्हीं चार ग्रहों में से एक ग्रह अपनी उच्च राशि का होकर लग्न में बैठा हो, चंद्रमा कर्क में हो तथा शेष ग्रह कहीं भी बैठे हों तो चार राजयोग होते हैं। पहले के बारह योग मिलकर सोलह और सब मिलाकर कुल बत्तीस राजयोग होते हैं।
21. जन्म का लग्न मेष, कर्क, तुला अथवा मकर हो तथा इनके पहले नवांश में जन्म हो; यदि वृष, सिंह, वृश्चिक, कुंभ लग्न हो और इनके पांचवें नवांश में जन्म हो; यदि मिथुन, कन्या, धनु, मीन लग्न हो और इनके नौवें नवांश में जन्म हो; चंद्रमा लग्न में हो या न हो, चंद्रमा को छोड़कर चार पाँच अथवा छः ग्रह लग्न को देखते हों तो चौवालीस राजयोग होते हैं। यही योग, चंद्रमा लग्न में हो और ये ग्रह देखते हों तो बाईस राजयोग होते हैं। चंद्रमा लग्न में न हो और यही ग्रह देखते हों तो भी बाईस राजयोग होते हैं। किंतु यदि चंद्रमा देखता हो तो योग भंग हो जाता है।
निष्कर्ष :
साथियों हम आशा करते है कि ये पोस्ट “कुंडली में ग्रह योग जो देते हैं आपको राजाओं जैसा जीवन 21 Planetary Yoga in Kundli which gives you life like kings” आपको अच्छी लगी होगी , आपकी अपनी वेबसाईट maihindu.com मे कुछ और सुधार लाने के लिए आपके सुझाव सादर आमंत्रित है ।
कुंडली विश्लेषण के लिए हमारे WhatsApp number 8533087800 पर संपर्क कर सकते हैं
अब यदि कोई ग्रह ख़राब फल दे रहा हो , कुपित हो या निर्बल हो तो उस ग्रह के मंत्रों का जाप , रत्न आदि धारण करने चाहिए ,
इसके साथ ही आप ग्रह शांति जाप ,पूजा , रत्न परामर्श और रत्न खरीदने के लिए अथवा कुंडली के विभिन्न दोषों जैसे मंगली दोष , पित्रदोष आदि की पूजा और निवारण उपाय जानने के लिए भी संपर्क कर सकते हैं
अपना ज्योतिषीय ज्ञान वर्धन के लिए हमारे facebook ज्योतिष ग्रुप के साथ जुड़े , नीचे दिए link पर click करें
***********
ये भी पढे : आपकी कुंडली में राजयोग है – क्या एस्ट्रोलॉजर झूठ बोलते हैं ? Do astrologers lie ?
ये भी पढे : shani sadhesati: वर्ष 2023 में कौन सी राशियों पर होगी शनि की साढ़ेसाती shani ke upay
ये भी पढे : कुंडली मे शनि का प्रभाव kundli me shani ke prabhav-12 effect of saturn in horoscope
ये भी पढे : कुंडली में शुभ योग: इन 7 योग में उत्पन्न व्यक्ति ,कीर्तिवान,यशस्वी तथा राजा के समान ऐश्वर्यवान होता है
ये भी पढ़े : स्त्री की कुंडली में चंद्रमा का प्रभाव stri ki kundli me chandrama-13 moon effects in female horoscope
ये भी पढे : मंगला गौरी स्तुति- Mangla Gauri Stuti in hindi मांगलिक दोष को दूर करने का उपाय
ये भी पढे : स्त्री की कुंडली में गुरु 12 houses of Jupiter in females horoscope
**************
ये भी पढ़ें : Kundli me Saptmesh: कुंडली में सप्तम भाव के स्वामी सप्तमेश की विभिन्न भावों मे स्थिति 7th lord in 12 different houses
ये भी पढे :सूर्य और हमारा स्वास्थ्य 9 facts of Sun for good healthy life
ये भी पढे :अस्त ग्रह किसे कहते है-ग्रह अस्त होने का फल 9 combust planets results various obstacles
ये भी पढे : शनि देव (shani dev) तुला मे उच्च क्यों?saturn postive & negative impact
ये भी पढे :12 राशियों के अनुसार बिजनेस में लाभ प्राप्ति के उपाय profit in business as per zodiac sign
आप पढ़ रहे हैं कुंडली में ग्रह योग जो देते हैं आपको राजाओं जैसा जीवन 21 Planetary Yoga in Kundli which gives you life like kings