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राहु की महादशा में विभिन्न ग्रहों की अंतरदशा का फल Rahu ki Mahadasha me Vibhinn 12 Grahon ki Antardasha ka fal
Rahu ki Mahadasha : ज्योतिष मे राहु की महादशा में विभिन्न ग्रहों की अंतरदशा का फल विस्तार से बताया गया है जिसका सारांश हम यहाँ बताने का प्रयास कर रहे हैं , राहु को पापी ग्रह माना गया है , राहु की महादशा आते ही लोग डरने लगते हैं । ज्योतिष के अनुसार यदि हमारी कुंडली में राहु दोष है तो हमारे जीवन मे अनायास ऐसी घटनाये घटने लगती हैं जिनसे हमारा पूरा जीवन नकरात्मक रूप से प्रभावित होता है जैसे नशे की ओर झुकाव या आकर्षण या नशे मे डूब जाना , गलत संगति बन जाना , मूल्यवान वस्तुएं खोने लग जाना । जुए सट्टे मे मन लगना , घर परिवार के रीति रीवाजों को न मानने की प्रवृति आदि उत्पन्न होना ।
किन्तु साथियों जब ये ही राहु अच्छा फल देता है तो व्यक्ति आविष्कारक बन जाता है , अपनी प्रतिभा से अनायास ही पूरे संसार मे प्रसिद्ध हो जाता है जैसे कुछ दिनों पहले हमारे एक साथी मूंगफली बेचते हुए अपने एक गीत ” कच्चा बादाम .. ” से पूरे संसार मे प्रसिद्ध हो गये थे .. , राहु खेलकूद , अभिनय , सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट , राजनीति आदि मे भी सफलता देने का काम करते हैं ।
आइये जानते हैं सामान्यतः राहु की महादशा में विभिन्न ग्रहों की अंतरदशा का फल (Rahu ki Mahadasha me Vibhinn 12 Grahon ki Antardasha ka fal) कैसा होता है :-
राहु की महादशा में विभिन्न ग्रहों की अंतरदशा का फल
Rahu ki Mahadasha me Vibhinn 12 Grahon ki Antardasha ka fal
राहु की महादशा में राहु के अंतरदशा का फल
राहु की महादशा में राहु की ही अंतरदशा हो तो व्यक्ति के भाई अथवा पिता की मृत्यु, सार्वजनिक उपहास या अपमान का सामना करना पड़ सकता है , शरीर में रोग, धन का नाश, विदेश गमन तथा सम्मान की हानि होती है तथा अन्य प्रकार के दुःख भी भोगने पड़ते हैं।
राहु की महादशा में गुरु के अंतरदशा का फल
राहु की महादशा में गुरु की अंतरदशा हो तो व्यक्ति देवताओं एवं ब्राह्मणों की सेवा करने वाला, धनी तथा व्याधियों से रहित होता है। लेकिन अपने धर्म मे रीति रिवाजों के अतिरिक्त कुछ हटकर नियम बनाता है या दूसरे धर्म के प्रति आकर्षित होता है ।
राहु की महादशा में शनि के अंतरदशा का फल
राहु की महादशा में शनि की अंतरदशा हो तो व्यक्ति को आवास , वाहन आदि से कष्ट होता है । हाथ- पांव आदि शरीर के किसी अंग का टूट जाना,रक्तपित्त की पीड़ा, स्वजनों से कलह तथा मूर्खता के कारण किए हुए कार्यों से कष्ट होता हैं।
राहु की महादशा में बुध के अंतरदशा का फल
राहु की महादशा में बुध की अंतरदशा हो, तो व्यक्ति का मित्र एवं भाइयों के स्नेह बढ़ता है। बुद्धि, धन तथा भोग की वृद्धि होती है,वाणी से बिगड़े काम बनते है, किन्तु इसके साथ ही यदि राहु कुपित हुए तो वाणी से ही क्लेश होता है और बने काम बिगड़ जाते हैं ।
राहु की महादशा में केतु के अंतरदशा का फल
राहु की महादशा में केतु की अंतरदशा हो, तो व्यक्ति को शत्रुओं से ,अग्नि से और शस्त्र पीड़ा होती हैं और उसके प्राण चले जाने का भय भी होता है।
राहु की महादशा में शुक्र के अंतरदशा का फल
राहु की महादशा में शुक्र की अंतरदशा हो, तो व्यक्ति को मित्र के कारण संताप तथा भाई-बंधुओं से कलह एवं कष्ट भोगना पड़ता है। उसे स्त्री, भोग तथा धन का लाभ भी होता है।
राहु की महादशा में सूर्य के अंतरदशा का फल
राहु की महादशा में सूर्य की अंतरदशा हो, तो व्यक्ति को शस्त्र, रोग, चोर, अग्नि तथा राजा से भय होता है। उसके धन का भी नाश होता है।
राहु की महादशा में चंद्रमा के अंतरदशा का फल
राहु की महादशा में चंद्रमा की अंतरदशा हो, तो व्यक्ति को कलह, धन नाश, बंधु-विरोध तथा अन्य अनेक प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है।
राहु की महादशा में मंगल के अंतरदशा का फल
राहु की महादशा में मंगल की अंतरदशा हो, तो व्यक्ति को शत्रु, शस्त्र, अग्नि तथा चोरों का भय निरंतर बना रहता है। उसे अन्य अनेक प्रकार के कष्ट भी प्राप्त होते हैं।
निष्कर्ष :
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