कुंडली में विवाह के योग बताते हैं कैसा होगा जीवनसाथी life partner as per horoscope

कुंडली में विवाह के योग बताते हैं कैसा होगा जीवनसाथी life partner as per horoscope- 4 important yoga for marriage

कुंडली में विवाह के योग बताते हैं कैसा होगा जीवनसाथी life partner as per horoscope- 4 important yoga for marriage

life partner as per horoscope: सनातन धर्म में ज्योतिष और ज्योतिष में कुंडली का विशेष महत्व होता है । कुंडली में विवाह के योग कुंडली में स्थित ग्रहों की स्थिति से निर्धारित होती है। कुंडली से यह पता चल जाता कि विवाह यानि विवाह कब होगी और कैसा होगा जीवनसाथी ?

कुंडली में विवाह की योग कैसे हैं ये किसी भी व्यक्ति की कुंडली में सप्तम भाव, सप्तम भाव के स्वामी अर्थात सप्तमेश और सप्तमेश की कुंडली में विभिन्न भाव में स्थिति से पता चलता है ।

कुंडली में विवाह में जो योग बन रहे हैं उसमें हमें यह भी देखना होता है कि सप्तम भाव पर किन ग्रहों की दृष्टि है और सप्तमेश पर किन ग्रहों की दृष्टि है। इसके साथ ही हमें महादशा अंतर्दशा को भी ध्यान से देखना होता है ।

किसी भी व्यक्ति की कुंडली में सप्तम भाव ही बताता है कि उसे व्यक्ति का विवाह कैसा होगा ? विवाह के बाद मिलने वाला जीवनसाथी कैसा होगा ?  जीवनसाथी का स्वभाव कैसा होगा ?

कुंडली में विवाह के योग बताते हैं कैसा होगा जीवनसाथी life partner as per horoscope

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तो आइये जानते हैं

कुंडली में विवाह के योग कैसा होगा जीवनसाथी

life partner as per horoscope

  1. कुंडली के 7th भाव में सूर्य या राहु के रहने पर 27 वें वर्ष से योग बनते हैं।
  2. कुंडली के सांतवे भाव में गुरु हो तो 24 वें वर्ष में विवाह के योग बनते हैं। वहीँ 7th भाव में शुक्र के रहने पर 26 वें वर्ष से विवाह के योग बनते हैं। और जीवनसाथी सुंदर और प्यार करने वाला होता है।
  3. कुंडली के 7th भाव में बुध हो तो शीघ्र विवाह हो जाता है और ठीक इसी प्रकार चन्द्रमा के रहने पर 25 वर्ष तक विवाह हो जाता है जीवनसाथी सुंदर , चंचल और भावुक मिलता है।
  4. कुंडली के 7th भाव में मंगल के रहने पर 28 वें वर्ष के बाद से विवाह के योग बनते हैं लेकिन वहीँ शनि या केतु के रहने पर विवाह 30 वर्ष के बाद होता है।

सामान्यतः लग्न में शनि होने पर विवाह में  विलंब होता है। ठीक इसी प्रकार मांगलिक लड़के-लड़कियों के विवाह में भी विलंब होता है और ऐसे में सामान्यतः विवाह की बात तय होकर भी टूट जाती है।

कुंडली से विवाह का समय marriage time according to horoscope

कुंडली में शनि और बृहस्पति दोनों सप्तम भाव और लग्न को देखते हों या गोचरवश इन भावों में आ जाएं तो उस अवधि में विवाह होता है।
इसके साथ ही शुक्र और बृहस्पति की दशा में भी विवाह हो जाता है ।

इसी के साथ सप्तमेश की महादशा या अंतरदशा में भी विवाह हो जाता है।  सप्तम भाव को देखने वाले ग्रह की महादशा या अंतरदशा में भी  विवाह हो जाता है। इसी के साथ जब गोचर में शुक्र या सप्तमेश,  लग्नेश की राशि या लग्नेश के नवांश से त्रिकोण में आ जाता है तो वो समय भी विवाह का होता है।

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